मंगलवार, 28 फ़रवरी 2023

दरिया है आखों में ...

  ये मंजर भी बड़ा ही दिलचस्प और नायाब है 

दरिया है आखों में फिर भी कोई ख्वाब जलता है ..


भूल तो गया उसका साया भी उसको यहाँ 

हैरानी की बात है,कोई है जो परछाई सा चलता है ...


मुस्तकिल खुशमिजाजी का न अफ़सोस कीजिये 

उसके चेहरे पर भी रोज कुछ शाम सा ढलता है....


गिरता उन्हें देख भूल गये जोर से ठहाके लगाने वाले   

बचपन में गिरे थे कई बार तभी आज कदम संभलता है..


पत्थर से है हालात तो क्या कोशिश कर के देखेंगे

  सुना है के इस जहाँ में आग से वो लोहा भी पिघलता है


तुम यूं ही न रहोगे सदा न हम रहेंगे ऐसे ही,

वक़्त ही तो एक ऐसा है जो सभी का बदलता है ....

प्रीती 


गुरुवार, 23 फ़रवरी 2023

काबिलियत का मुकाम

दिखते है ख्वाब तुम्हारी आंखों में 
मेहनत से हाथ सने हुए हैं,
माथे पर सलवट बिछी हुई है
छालों से तलवे छिले हुए है |

माना थके हुए से दिखते हो  
पर अजेय रहे हालातों से
तुम धैर्यवान, तुम धर्मवीर भी
तुम निडर, निरंतर , कर्मवीर भी|

चलो झुका दो पर्वत को 
और सुखा दो, वो नदी घमंडी 
उठो अभी तुम, रुको नहीं तुम
दुनिया का अभिमान मिटा दो |

ये उम्मीद तुम्हारी अपनी हैं 
ये ख्वाब तुम्हारे खुद के हैं
ये आखें बंद हुईं तो क्या 
इनमे उड़ते तेरे सपने है|

दुनिया की नजर से ना परख स्वयं को 
ये लोग बड़े ही जालिम है
ना इन्होने सपने देखे कभी 
ना हुआ इन्हे कुछ हासिल है |

सब हासिल होगा तुझे भी एक दिन 
तेरी मेहनत  का इनाम यही है।
मायूस न होना बाधाओं से,
जीवन का तो आयाम यही है | 

बढ़ता जा बस लक्ष्य की ओर 
अभी विश्राम का सवाल नहीं है| 
अम्बर भी धरा पर उतरेगा 
काबिलियत का मुकाम वही है|   

प्रीती 






मंगलवार, 21 फ़रवरी 2023

वो स्त्री है, वो कुछ भी कर सकती हैं..

 वो रोटी कमाना भी जानती हैं, और बनाकर खिलाना भी जानती हैं।

वो कपड़े बनाना भी जानती हैं और धुलकर पहनानना भी जानती हैं।

वो जमी खरीदना भी जानती है और चुनकर घरौंदा बनाना भी जानती हैं। 

वो अश्कों को छुपाना भी जानती हैं और रोते हुए मुस्कुराना भी जानती हैं।

वो रिश्तों को बनाना भी जानती हैं और बनाकर उन्हें निभाना भी जानती हैं।

वो ख्वाहिशों को दबाना भी जानती हैं और मुश्किलों को हराना भी जानती हैं।

सही कहता है जमाना कि वो स्त्री है, वह सब जानती हैं और वो कुछ भी कर सकती हैं।


मंगलवार, 17 जनवरी 2023

बचपन तुम कहा गये और क्यूँ गये....

 शने: शने : जीवन एक नए मोड़ की दिशा में अग्रसारित है वो भी बिलकुल अँधा मोड़  मुझे नहीं पता कि मोड़ के उस पार क्या है , पर आशा  है बिलकुल एक साधारण  इंसान कि तरह कि सब अच्छा ही होगा , पर मेरा ह्रदय  भी इस शाश्वत  सत्य से परिचित है कि इस संसार  में तो क्या कही भी  "सब कुछ अच्छा" जैसा नहीं होता | सम्पूर्ण जीवन द्वन्द  है , जहाँ अच्छा है , वहा बुरे का होना स्वाभाविक है एवं प्राकृतिक व्यवस्था है|  इसे चाहकर भी मैं नकार नहीं सकती , पर ये किस प्रकार का भय है जिससे मै भयातीत हूँ, क्यूँ मैं चाहकर भी अपने कदम आगे बढ़ाने में हिचकिचा रही हूँ | मन व्यथित है आज बहुत इस संसार के "बेटियों के पराये धन" के रिवाज से , अपनी चौखट कैसे छोड़ दूँ , अपना आँगन जहाँ अपनी एक उम्र को एक व्यक्तित्व का लिबास लेते देखा, कैसे छोड़ दूँ वो ऊँगली पापा कि जिसने अभी तक मुझे अपनी लाडली बिटिया बनाकर संजोया और संवारा, कैसे उस माँ को छोड़ कर चली जाऊ जिसने मुझे आज तक कभी बड़ा ही नही होने दिया| बड़े बेरहम है ये रस्मो रिवाज जो चन्द मिनटों की सात फेरों की रस्म मात्र से एक आधी उम्र को भुला कर नये सिरे से जीने को बाध्य कर देता है| वो उम्र जो किसी के लिए भी सबसे प्यारी होती है ना जिम्मेदारियों पर खरे उतरने का तनाव और ना एक मर्यादा और सीमाओं की डेहरी, बस आजाद पंछी सी कही भी उडों, फुदकते रहो और कभी लड़खड़ाने लगो तो माँ और पापा हमेशा सम्हालने को तैयार|  ना खुलकर रोने कि आजादी , ना भाई बहनों के बाल पकड़कर उनसे उलझने का मौका, ना बिना सोचे समझे मेहमानों के सामने लगे नाश्ते में से कुछ भी उठाकर खा लेने कि बेपरवाही का आलम, ना दौड़कर पतंग लूटने और मांझा काटने के मस्ती, ना बारिश में बेफिक्री से भीगने  और नाव तैराने की आजादी , बचपन भी कितना  सरल और मासूम , छोटी छोटी ख्वाहिशों में ही पूरा संसार हासिल था | अब वो बात नही तहजीब और अदब के लिबास में खुद को कही जिन्दा  दफना दिया , जिम्मेदारियां, परिपक्वता , सभ्य और सुशील बनने और समाज के बनाये पैमानों पर खरे उतरने में जाने कितने ही घाव खुद को खुद हाथों से दिए पर आज भी लगता है कि कुछ कमी है अब भी | बचपन में जल्दी से बड़े हो जाने का मन करता था  पर तब कहाँ किसी ने बताया था कि बचपन सबसे सुन्दर पड़ाव है जीवन का |  इस बड़े होने में कितना कुछ गवाना पड़ता है इस बात का एहसास शायद बड़े होकर ही होता है | बचपन तुम कहा गये और क्यूँ गये.....


रविवार, 8 जनवरी 2023

साल नया है ।


हम भी वही, जीवन भी वही है,
पर उम्मीदों का त्योहार नया है।

रात वही , और नींद वही है, 
पर ख्वाबों का आकाश नया है।

प्रीत वही, प्रीतम भी वही है,
पर मेरा ये एहसास नया है।

सर्द वही, कोहरा भी वही है,
पर ठिठुरन का अंदाज नया है।

दोस्त वही, और दुश्मन भी वही,
पर  रिश्तों का संसार नया  है।

रूप वही, श्रृंगार वही है,
जीवन में फिर साल नया है।
 
© प्रीती 





गुरुवार, 29 सितंबर 2022

Love Yourself # Happy Heart Day

 

Once you are in love, you remain always in love, sometimes fulfilled and sometimes unfulfilled and broken but you remain in love. The beauty of love is to find a way when you feel there is no way to get out of the dark room. You find it more beautiful and accomplished when you are broken but you still remain in love, You find it more astonishing when your loved ones, your friends, and your family left you alone but you still accompany them everywhere, You find it more hedonistic when you manage to have a beautiful smile which has struggled through tears. You may say that you are wounded again and again or someone has cheated on you,  someone has not treated you well, someone has lied to you, in spite of you have done more than that you could do. One question that arises which is even more painful than being slaughtered is why they did this to me which always remains unanswered. This makes your life wretched and you keep on finding irresistibly to see who is responsible ....Stop running for such answers. You do not need to know everything. Sometimes you have to let go of answered questions too for the  sake of peace of your mind your 

No, not your beloved, loved ones, your friends, or your family... it's you only who is in search of something which will make no difference in your life. Let them do what they want to do,  let them go if they want to go,  don't beg for love and respect, Let these come to you automatically. You need not to allow anyone treat you the way they want. Be yourself and be honest with your heart.

You deserve to be happy, respected, and much better in your life. Ones you understand that life always has something better to offer in its pocket, once you understand the value of being lively and happy,,,,, YOU WON'T HATE ANYONE IN LIFE FOR ANYTHING THEY DID TO YOU.  ....FORGIVENESS IS THE BEST MEDICINE FOR THE PEACE OF YOUR HEART & DO REMEMBER YOUR HEART DESERVES PEACE NOT THE PIECES. Love is the best thing you can cater to yourself instead of asking someone else. 

Wishing you all a #Happy Heart Day. 


© Preets