मै जानती हूँ कि तन्हाई का कायदा क्या है
कि मुस्कुराओं यूँ कि अश्क खफा हो जाये
और फ़ज की फिराक में आखों में छाले पड़ जाये
ये तौर तरीके , ये रस्मो रिवाज ज़माने के
ठोकर और बड़ी मुदद्तों के बाद समझ आये
जरुरी तो नहीं कि जिसको चाहो वो मिल जाये
हार मानने को भी तोह राजी नहीं मेरा वजूद
लड़ना खुद से खुद की खातिर कि अब तुझसे जीत जाये
मै याद रहू खुद को ताउम्र और तू मुझे ना याद आये ||||
फ़ज * रोना
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